वे तीर्थयात्रा पर गए हैं
और इधर घर में उनके
चिड़ियों मे बना डाले हैं घोंसले
काश, इनके अंडे देने से पहले
वे लौट आएँ
या फिर आएँ तब
जब अंडे इनके उड़ जाएँ
कि एक भारी अनर्थ से बच जाएँ
ये भी
और वे भी !
वे तीर्थयात्रा पर गए हैं
और इधर घर में उनके
चिड़ियों मे बना डाले हैं घोंसले
काश, इनके अंडे देने से पहले
वे लौट आएँ
या फिर आएँ तब
जब अंडे इनके उड़ जाएँ
कि एक भारी अनर्थ से बच जाएँ
ये भी
और वे भी !