(राग मेघरञ्जनी-ताल धमार)
शुभ कर्पूरगौर तन, त्रिनयन, शशिशेखर त्रिपुण्ड वर भाल।
जटाजूट सिर, छत्र नागफण, सुर-सरिता राजत सब काल॥
अक्ष-रत्न-हारावलि-मण्डित, नीलकण्ठ, भूषित तन व्याल।
जय मृत्युंजय बाघबर अभयप्रद चतुर्बाहु सुविशाल॥
(राग मेघरञ्जनी-ताल धमार)
शुभ कर्पूरगौर तन, त्रिनयन, शशिशेखर त्रिपुण्ड वर भाल।
जटाजूट सिर, छत्र नागफण, सुर-सरिता राजत सब काल॥
अक्ष-रत्न-हारावलि-मण्डित, नीलकण्ठ, भूषित तन व्याल।
जय मृत्युंजय बाघबर अभयप्रद चतुर्बाहु सुविशाल॥