Last modified on 1 अप्रैल 2011, at 01:13

सर्दी / निदा फ़ाज़ली

कुहरे की झीनी चादर में
यौवन रूप छिपाए
चौपालों पर
मुस्कानों की आग उड़ाती जाए

गाजर तोड़े
मूली नोचे
पके टमाटर खाए
गोदी में इक भेड़ का बच्चा
आँचल में कुछ सेब
धूप सखी की उँगली पकड़े
इधर-उधर मँडराए