सिर्फ़
नशीले फूलों
कड़वे फलों
ज़हरीली पत्तियों
धोखेबाज टहनियों को
काट-छाँट कर नहीं रह सकते निरापद
पैठो ज़रा और भीतर
सुघड़ता के लिए
विचारों की जड़
गहरी धँसी रहती है
मस्तिष्क की कन्हारी मिट्टी में
सिर्फ़
नशीले फूलों
कड़वे फलों
ज़हरीली पत्तियों
धोखेबाज टहनियों को
काट-छाँट कर नहीं रह सकते निरापद
पैठो ज़रा और भीतर
सुघड़ता के लिए
विचारों की जड़
गहरी धँसी रहती है
मस्तिष्क की कन्हारी मिट्टी में