Last modified on 18 दिसम्बर 2010, at 13:56

कुण सुणै / प्रमोद कुमार शर्मा


कूड़ी बात है
कै कोई जिको सुणै
फगत सुरतां ई सुणै
वा‘ई गुणै भावां नै
अर दरसावै आपरा रूप।

म्है तो फगत करां हां
इण रूड़ै मारग जातरा
पाळयां बैम रा भरूंटिया
जका भरता रैवै
आखी उमर चरूंटिया।