Last modified on 20 दिसम्बर 2010, at 08:34

जीवन का संग्राम जंगली / लाला जगदलपुरी

Rajeevnhpc102 (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:34, 20 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लाला जगदलपुरी |संग्रह=मिमियाती ज़िन्दगी दहाड…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

इस धरती के राम जंगली,
इसके नमन-प्रणाम जंगली।

कुडई, कुंद, झुईं सम्मोहक,
वन-फूलों के नाम जंगली।

वन्याओं-सी वन छायाएं,
हलवाहे सा घाम जंगली

भरमाते चांदी के खरहे,
स्वर्ण मृगों के चाम जंगली।

यहाँ प्रभात ‘पुष्पधंवा’ सा,
मीनाक्षी सी शाम जंगली।

शकुंतला सी प्रीति घोटुली,
दुष्यंती आयाम जंगली।

दिशाहीन, अंधी आस्था के,
जीवन का संग्राम जंगली।