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जीवन का संग्राम जंगली / लाला जगदलपुरी
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इस धरती के राम जंगली,
इसके नमन-प्रणाम जंगली ।
कुडई, कुंद, झुईं सम्मोहक,
वन-फूलों के नाम जंगली ।
वन्याओं-सी वन छायाएँ,
हलवाहे-सा घाम जंगली ।
भरमाते चाँदी के खरहे,
स्वर्ण-मृगों के चाम जंगली ।
यहाँ प्रभात ‘पुष्पधंवा’-सा,
मीनाक्षी-सी शाम जंगली ।
शकुंतला-सी प्रीति घोटुली,
दुष्यंती आयाम जंगली ।
दिशाहीन, अंधी आस्था के,
जीवन का संग्राम जंगली ।