भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अनजान औरत को लिखे गए पत्र / निकानोर पार्रा

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:01, 22 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=निकानोर पार्रा |संग्रह= }} Category:स्पानी भाषा <poem>…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: निकानोर पार्रा  » अनजान औरत को लिखे गए पत्र

जब बरसों बीत जाएँ, जब कई साल
बीत जाएँ और हवा
तुम्हारी और मेरी आत्मा के बीच
खाई खोद चुकी हो, जब कई बरस
गुज़र जाएँ और मैं
महज़ वह आदमी रह जाऊँ
जिसने प्यार किया,
जो केवल एक क्षण के लिए
तुम्हारे होंटों पर टिका,
वह बेचारा आदमी
जो बाग़ों में टहलते-टहलते
थक गया हो
जब तुम कहाँ होगी ?
कहाँ होगी तुम
ओ मेरे चुम्बनों की बेटी।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : नीलाभ