माँगने से
नहीं मिलती शांति
न खरीदने से मिलती है
पुरुषार्थ से
मृत्यु के हाथ से मिलती है
राष्ट्र के नय से मिलती है
जय के बाद
निर्विवाद
रचनाकाल: १३-१०-१९६५
माँगने से
नहीं मिलती शांति
न खरीदने से मिलती है
पुरुषार्थ से
मृत्यु के हाथ से मिलती है
राष्ट्र के नय से मिलती है
जय के बाद
निर्विवाद
रचनाकाल: १३-१०-१९६५