Last modified on 9 जनवरी 2011, at 23:29

असीम सौंदर्य की एक लहर / केदारनाथ अग्रवाल

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:29, 9 जनवरी 2011 का अवतरण ("असीम सौंदर्य की एक लहर / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

असीम सौंदर्य की एक लहर,
नदी से नहीं-
समुद्र से नहीं-
देखते-ही-देखते
उमड़ी तुम्हारे शरीर से,
छापकर छा गई
फैल गई मुझ पर।