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गुड़ मिलेगा / नागार्जुन

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रचनाकार: नागार्जुन

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गूँगा रहोगे

गुड़ मिलेगा


रुत हँसेगी

दिल खिलेगा

पैसे झरेंगे

पेड़ हिलेगा

सिर गायब,

टोपा सिलेगा


गूँगा रहोगे

गुड़ मिलेगा


(1988 में रचित)