भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जल भरन जानकी आई तीं (कुआँ-पूजन) / बुन्देली
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:01, 6 फ़रवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=बुन्देली }} <poem> जल भरन जा…)
♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
जल भरन जानकी आई तीं
आई तीं मन भाई तीं ।
कौन की बेटी कौन की बहुरिया
कौन की नारि कहाई तीं ।
जल भरन जानकी आई तीं
आई तीं मन भाई तीं ।
जनक की बेटी दसरथ की बहुरिया
राम की नारि कहाई तीं ।
जल भरन जानकी आई तीं
आई तीं मन भाई तीं ।
भावार्थ
जल भरने के लिए जानकी जी आई थीं
वे सबके मन को भा गई थीं ।
वह किनकी बेटी, किनकी बहू
और किनकी पत्नी थीं ?
वे राजा जनक की पुत्री, राजा दशरथ की बहू
और श्रीराम की पत्नी थीं ।