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शुरूआत / संतोष अलेक्स
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तुम क्या सोच रहे हो
नदी किनारे अस्त होते
सूर्य को देखकर ?
- पूछा उसने मुझसे
मैं सोच रहा था
उस पक्षी के बारे में
कल गोली खाकर
नीचे गिर पड़ा था जो
यह नियम का उल्लंघन था
पक्षी तो बना है इसीलिए कि
वह पृथ्वी के ऊपर
आकाश के अंतस में उड़े
’पक्षी और मनुष्य’ पर गोष्ठी के बाद
बाहर आए लोग और
चौंक गए
एक श्वेत पक्षी
नीले आकाश में उडान भर
रहा था
अनुवाद : अनिल जनविजय