भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कुतुबमीनार की ऊँचाई / उदय प्रकाश
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:55, 26 फ़रवरी 2008 का अवतरण
कुतबुद्दीन ऎबक को
अब ऊपर से
नीचे देख पाने के लिए
चश्मे की ज़रूरत पड़ती
इतनी ऊँचाई से गिर कर
चश्मा
टूट जाता.