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कुतुबमीनार की ऊँचाई / उदय प्रकाश
Kavita Kosh से
कुतबुद्दीन ऎबक को
अब ऊपर से
नीचे देख पाने के लिए
चश्मे की ज़रूरत पड़ती
इतनी ऊँचाई से गिर कर
चश्मा
टूट जाता.