भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पद 57 से 70 तक/पृष्ठ 11

Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:02, 28 मई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तुलसीदास |संग्रह= गीतावली/ तुलसीदास }} {{KKCatKavita}} [[Category…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

67
चार्यो भले बेटा देव दसरथ रायके |
जैसे राम-लषन, भरत-रिपुहन तैसे,
सील-सोभा-सागर, प्रभाकर प्रभायके ||

ताड़का सँहारि मख राखे, नीके पाले ब्रत,
कोटि-कोटि भट किये एक एक घायके |
एक बान बेगही उड़ाने जातुधान-जात,
सूखि गये गात हैं, पतौआ भये बायके ||

सिलाछोर छुवत अहल्या भई दिब्यदेह,
गुन पेखे पारसके पङ्करुह पायके |
रामके प्रसाद गुर गौतम खसम भये,
रावरेहु सतानन्द पूत भये मायके ||

प्रेम-परिहास-पोख बचन परसपर
कहत सुनत सुख सब ही सुभायके |
तुलसी सराहैं भाग कौसिक जनकजूके,
बिधिके सुढर होत सुढर सुदायके ||