हुआ कुछ इस तरह
| रचनाकार | भगवत रावत | 
|---|---|
| प्रकाशक | परिमल प्रकाशन, इलाहाबा-211006 | 
| वर्ष | 1988 | 
| भाषा | हिन्दी | 
| विषय | |
| विधा | |
| पृष्ठ | 118 | 
| ISBN | |
| विविध | 
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- अम्मा मैंने लिखी एक कविता
 - कविता / भगवत रावत
 - रोशनी के सामने / भगवत रावत
 - इस पराये शहर में / भगवत रावत
 - प्याज़ की एक गाँठ / भगवत रावत
 - भरोसा / भगवत रावत
 - एक कहानी / भगवत रावत
 - भइया आपसे नहीं / भगवत रावत
 - आप यकीन करें / भगवत रावत
 - कहाँ गई री अमरीका / भगवत रावत
 - ऎसे घर में / भगवत रावत
 - आप ही / भगवत रावत
 - दुख के बाहर भीतर / भगवत रावत
 - हे बाबा तुलसीदास / भगवत रावत
 - अम्मा से बातें / भगवत रावत
 - हमने सब कुछ पिसते देखा
 - समूह गीत / भगवत रावत
 - बोल मसीहा / भगवत रावत
 - बहस में / भगवत रावत
 - मानुस-गंध / भगवत रावत
 - आयुधों के यान पर सवार आ रहा है दाता / भगवत रावत
 - साहबान / भगवत रावत
 - श्रीमान / भगवत रावत
 - लड़का अजूबा / भगवत रावत
 - जो भी पढ़ रहा है या सुन रहा है इस समय ये पंक्तियाँ
 - सुनती हो क्या / भगवत रावत
 - यहाँ पर / भगवत रावत
 - तस्वीर से बाहर / भगवत रावत
 - सुख के स्वाद की तरह / भगवत रावत
 - अगर कभी / भगवत रावत
 - सुनिए / भगवत रावत
 - हाल चाल / भगवत रावत
 - दोस्तो / भगवत रावत
 - बुन्देली में चार कविताएँ / भगवत रावत
 - जो भी पढ़ रहा है या सुन रहा है / भगवत रावत