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जो दरे-हुस्न के फ़क़ीर हुए / अर्श मलसियानी
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जो दरे-हुस्न के फ़क़ीर हुए
दौलते-इश्क़ से अमीर हुए
सारे आलम में हो गए मशहूर
जो मुहब्बत के गोशःगीर हुए
आह इन ताइरों की ख़ुश फ़हमी
हो के आज़ाद जो आसीर हुए