Last modified on 6 सितम्बर 2011, at 05:21

बिरछ अर आदमी-5 / पूर्ण शर्मा पूरण

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:21, 6 सितम्बर 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पूर्ण शर्मा पूरण |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} {{KKCatMoolRajasthani‎}}<poem>ट…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

टाबरपंणै मांय
दादी
रोज सुणांवती
घर साम्ही ऊभै नींम रै
हांसंणै
मुळकंणै
सांस लेवंणै
अर बतळावंणै री बातां
पंण हाल
नां दादी है
नां नींम ई।