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लरिक‍उनू ए० मे० पास कीहिनि / पढ़ीस

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सबि पट्टी बिकी असट्टयि मा,
लरिकउनू ए.मे. पास किहिनि।
पुरिखन का पानी खूबयि मिला,
लरिकउनू ए.मे. पास किहिनि॥

अल्ला-बल्ला सब बेचि-खोंचि,
दुइ सउ का मनिया-अडरु किहिन।
उहु उड़िगा चाहयि पानी मा,
लरिकउनू ए.मे. पास किहिनि॥

हम मरति-खपति द्याखयि दउरयन,
उइ मित्र मंडली मा नाचयिं।
दीदी-दरसनऊ न कयि पायन,
लरिकउनू ए.मे. पास किहिनि॥

महतारी बिलखयि द्याखयि का,
बिल्लायि म्यहरिया ब्वालयि का,
उयि परे कलपु-घर पाले मा,
लरिकउनू ए.मे. पास किहिनि॥

कालरु, नकटाई, सूटु-हैटु,
बंगला पर पहुंचे सजे-बजे।
न उकरी न पायिनि पांचउ की,
लरिकउनू ए.मे. पास किहिनि॥

अरजी लिक्खिनि अंगरेजी मा,
घातयिं पूंछयि चपरासिन ते।
धिरकालु"पढ़ीस" पढ़ीसी का,
लरिकउनू ए.मे. पास किहिनि॥