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आइना / मधुप मोहता
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आइना हैं तो आइना रहिये
मेरा लहू है, मत हिना कहिये
आज बेचैन से लगते हैं आप
दिल कहाँ, कब छिना, कहिये
दिल का दुश्मन हमें बताते हैं
दोस्तों में किसे गिना, कहिये
ऐसी बातें, कही नहीं जाती
आज, कुछ भी, कहे बिना कहिये
साँस जब सर्द हो, दर्द हमदर्द बने
जर्द चेहरे को आइना कहिये