तिनका हूँ--सूखता हुआ । लेकिन
फिर भी
जंगल का एक बेजोड़ हिस्सा । जब
हरा-भरा होने में था
तो
सूखने में भी हूँ
(रचनाकाल :6 अक्तूबर 1975)
तिनका हूँ--सूखता हुआ । लेकिन
फिर भी
जंगल का एक बेजोड़ हिस्सा । जब
हरा-भरा होने में था
तो
सूखने में भी हूँ
(रचनाकाल :6 अक्तूबर 1975)