Last modified on 2 जनवरी 2008, at 23:18

तिहारो दरस मोहे भावे / सूरदास

तिहारो दरस मोहे भावे श्री यमुना जी ।

श्री गोकुल के निकट बहत हो, लहरन की छवि आवे ॥१॥

सुख देनी दुख हरणी श्री यमुना जी, जो जन प्रात उठ न्हावे ।

मदन मोहन जू की खरी प्यारी, पटरानी जू कहावें ॥२॥

वृन्दावन में रास रच्यो हे, मोहन मुरली बजावे ।

सूरदास प्रभु तिहारे मिलन को, वेद विमल जस गावें ॥३॥