Last modified on 1 सितम्बर 2012, at 15:17

राम कसम है, राम भरोसे / अश्वनी शर्मा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:17, 1 सितम्बर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अश्वनी शर्मा |संग्रह=वक़्त से कुछ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


राम कसम है, राम भरोसे
जय हो जै जै, राम भरोसे।

दुनियादारों की दुनिया में
बड़ी अजब शै, राम भरोसे।

उनको वहम चलाते दुनिया
ये पक्का तै, राम भरोसे।

वक्त पकड़ पिंजड़े में रख लो
जो होगा पै, राम भरोसे।

तौली गई अगर-औकातें
कर देगा कै, राम भरोसे।

आसमान दीवाना कर दे
सांसो की मय, राम भरोसे।

चिंतक, ज्ञानी, पंडित, मौला
फिर भी सब है, राम भरोसे।