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सोभा पाई कुंज भौन / बेनी

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सोभा पाई कुंज भौंन जहाँ जहाँ कीन्हों गौन,
                  सरस सुगंध पौन पाईं मधुपनि है.
बीथिन बिथीरे मुकताहल मरल पै,
                  आली दुसाल साल पै अनगनि है.
रैन पाई चाँदनी फटक सी चटक रूख,
                  सुख पायो पीतम प्रवीन बेनी धनि है.
बैन पाईं सारिका,पढन लागी कारिका,
                  सो आई अभिसारिका कि चारु चिंतामनि है.