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दत्त / परिचय

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ये माढी,जिला कानपुर के रहने वाले ब्राह्मण थे और चरखारी के महाराज खुमानसिंह के दरबार में रहते थे.इनका कविताकाल १८३० के आसपास माना जा सकता है. इन्होने 'लालित्यलता' नाम की एक अलंकार की एक पुस्तक लिखी है.