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पसन्द अपनी-अपनी / व्लदीमिर मयकोव्स्की

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घोड़े ने ऊँट को देखा
        और हिनहिनाकर हँसा —
'ऐसा
    बड़ा
        अनोखा
                    होता है घोड़ा'

दिया ऊँट ने उत्तर—
              'तुम क्या घोड़े हो
                      कतई नहीं हो
तुम तो केवल
                 बड़ा नहीं हो पाया
                      ऐसे ऊँट हो'

और सत्य तो केवल वही जानता
जो सर्वज्ञ विधाता
वे दोनों ही
भिन्न नस्ल के
मैमल थे

अँग्रेज़ी से अनुवाद : रमेश कौशिक

शब्दार्थ
<references/>