भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मोला जान देना रे सनानना मोर / छत्तीसगढ़ी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:40, 7 अप्रैल 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=छत्तीसग...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

मोला जान देना रे सनानना मोर
अतेक बेरा होगे मोला जान देना

मोला जान देना रे अलबेला मोर
दाई मोला गारी दिही जान देना

हा हा मोला जावन देना रे अलबेली मोर
अतेक बेरा होगे मोला जान देना

मोला जान देना रे अलबेला मोर
दाई मोला गारी दिही जान देना

हो~ नई जावंव मैं हा अपन मन-के या
अपन मन-के
नई जावंव में-हा अपन मन-के या
अपन मन-के

सुने ला परही मोला जन-जन के
सनानना मोर
अबड़ बेरा होगे मोला जान देना

मोला जान देना रे अलबेला मोर
दाई मोला गारी दिही जान देना

हो चंदा रे उवे सुरुज लाली का या
सुरुज लाली का
चंदा रे उवे सुरुज लाली का या
सुरुज लाली का

चिंता ला झन करबे आवत हंव काली रे
सनानना मोर
अतेक बेरा होगे मोला जान देना

मोला जान देना रे अलबेला मोर
दाई मोला गारी दिही जान देना

हो उत्‍ती के पानी रे बुड़ती के घांम
अरे बुड़ती के घांम
उत्‍ती के पानी रे बुड़ती के घांम
बुड़ती के घांम

जोगी गुफा मेंहा रई-थंव बैतल हे मोर नाम
सनानना मोर
अबड़ बेरा होगे मोला जान देना

मोला जान देना रे अलबेला मोर
दाई मोला गारी दिही जान देना

आहा मोला जावन देना रे अलबेली मोर
अतेक बेरा होगे मोला जान देना

मोला जान देना रे अलबेला मोर
दाई मोला गारी दिही जान देना