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बिछड़ने से मुहब्बत तो नहीं मरती / मोहसिन नक़वी
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उसे कहना बिछड़ने से मुहब्बत तो नहीं मरती
बिछड़ जाना मुहब्बत की सदाकत की अलामत है
मुहब्बत एक फितरत है, हाँ फितरत कब बदलती है
सो, जब हम दूर हो जाएं, नए रिश्तों में खो जाएं
तो यह मत सोच लेना तुम, के मुहब्बत मर गई होगी
नहीं ऐसे नहीं होगा ..
मेरे बारे में गर तुम्हारी आंखें भर आयें
छलक कर एक भी आंसू पलक पे जो उतर आये
तो बस इतना समझ लेना,
जो मेरे नाम से इतनी तेरे दिल को अकीदत है
तेरे दिल में बिछड़ कर भी अभी मेरी मुहब्बत है
मुहब्बत तो बिछड़ कर भी सदा आबाद रहती है
मुहब्बत हो किसी से तो हमेशा याद रहती है
मुहब्बत वक़्त के बे-रहम तूफ़ान से नहीं डरती