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ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
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ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
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जन्म | 1954 |
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जन्म स्थान | सीतापुर |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
ख़ुशबीर सिंह 'शाद' / परिचय |
- अब अँधेरों में जो हम ख़ौफ़-ज़दा बैठे हैं / ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
- बुझा के मुझ में मुझे बे-कराँ बनाता है / ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
- चश्म-ए-हैरत सारे मंज़र एक जैसे हो गए / ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
- एक तो क़यामत है इस मकाँ की तन्हाई / ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
- हवा के पर कतरना अब ज़रूरी हो गया है / ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
- इस इंतिशार का कोई असर भी है के नहीं / ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
- जो षब को मंज़र-ए-शब ताब में तब्दील करते हैं / ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
- कोई नहीं था मेरे मुक़ाबिल भी मैं ही था / ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
- मैं अपने रू-ब-रू हूँ और कुछ हैरत-ज़दा हूँ मैं / ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
- नई मुश्किल कोई दर-पेश हर मुश्किल से आगे है / ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
- परिंदे बे-ख़बर थे सब पनाहें कट चुकी हैं / ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
- रफ़्ता रफ़्ता मंज़र-ए-शब ताब भी आ जाएँ / ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
- रगों में ज़हर-ए-ख़ामोशी उतरने से ज़रा पहले / ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
- सदा-ए-दिल न कहीं धड़कनों में गुम हो जाए / ख़ुशबीर सिंह 'शाद'
- शाम तक फिर रंग ख़्वाबों का बिखर जाएगा क्या / ख़ुशबीर सिंह 'शाद'