भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ढहैत भावनाक देबाल / गजेन्द्र ठाकुर

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:53, 29 जून 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ढहैत भावनाक देबाल
खाम्ह अदृढ़ताक ठाढ़

आकांक्षाक बखारी अछि भरल
प्रतीक बनि ठाढ़
घरमे राखल हिमाल-लकड़ीक मन्द्इर आकि
ओसारापर राखल तुलसीक गाछ
प्रतीक सहृदयताक मात्र ।

मोन पाड़ैत अछि इनार-पोखरिक महार,
स्विमिंगपूलक नील देबाल,
बनबैत पानिकेँ नील रंगक ।
मोनक रंगक अदृश्य देबाल
ढहैत
खाम्ह अदृढ़ताक ठाढ़
बहैत।