Last modified on 4 जुलाई 2013, at 16:57

खारेपन का अहसास / कन्हैयालाल नंदन

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:57, 4 जुलाई 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

खारेपन का अहसास
मुझे था पहले से
पर विश्वासों का दोना
सहसा बिछल गया
कल,
मेरा एक समंदर
गहरा-गहरा सा
मेरी आंखों के आगे उथला निकल गया।