भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अपनापन / उमा अर्पिता
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:13, 17 जुलाई 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उमा अर्पिता |संग्रह=कुछ सच कुछ सप...' के साथ नया पन्ना बनाया)
क्यों तुम्हारी आवाज
आज, सालों बाद भी
उतनी ही परिचित है,
जैसे माँ के हाथ का स्पर्श...!