Last modified on 1 सितम्बर 2013, at 12:47

दिल चुरावे ना आवेला उनका / मनोज भावुक

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:47, 1 सितम्बर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

दिल चुरावे ना आवेला उनका
गुल खिलावे ना आवेला उनका
 
बात के त लगा लेलें दिल से
दिल लगावे ना आवेला उनका
 
जान से जादा चाहेलें हमके
ई बतावे ना आवेला उनका
 
साध लागेला हमरो कि रुसीं
पर मनावे ना आवेला उनका
 
बाड़े गजबे छलक जालें कतहूं
गम छुपावे ना आवेला उनका
 
सब पे विश्वास कर लेलें भावुक
आजमावे ना आवेला उनका