भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जेठ बइसखवा के पुरइन लहर-लहर करे

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:11, 21 सितम्बर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

जेठ बइसखवा के पुरइन लहर-लहर करे,
ताहि कोखी धिअवा जनमली त पुरुख बेपछ परले ए। (बेपछ=विपक्ष)
मइले ओढ़न, मइले डासन, कोदो चउरा पंथ भइले,
रेंडवा के जरेला पसंगिया, निनरियो नाहि आवेले ए।
लाले ओढ़न, लाल डासन, बसमती चउरा पंथ भइले,
चनन के जरेला पसंगिया, निनरिया बलु आवेले ए।
सासु के देबऽ रेडिय तेल, ननद के तिसिए तेल,
गोतिन के देबऽ फुलेल तेल, हम गोतिन पाइंच ए।
सासु जे आवेली गावत, ननद बजावत हे,
गोतिन आवेली बिसमाधम मुदइया मोरे जनमऽलन,
सासु के डासबऽ खटिअवा, ननद के मचिअवा नू ए।
गोतिन के लाली पलंगिया हम गोतिन पाइंचए