Last modified on 21 सितम्बर 2013, at 20:43

मुरली / भोजपुरी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:43, 21 सितम्बर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हमार मुरली भइल बा चोरी, मुरलिया दिलाइ दऽ ए भाई।
सूतल रहलीं कदम के छैयां धर बंसी सिरहानी,
एतने में आ गइल निदिया बैरी, हो गइल मुरली के हानी,
मुरलिया दिलाइ दऽ ए भाई।
ओहि मुरली में प्राण बसल बा छछन जिअरवा मोरी,
जैसे हम हईं तोहरो दुलरुआ ओइसहीं मुरलिया मोरी,
मुरलिया दिखलाइ दऽ ए भाई।

(राजाराम सहनी, सोनपुर)