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शिवजी सँ पुछे हिमालय के नारी / मैथिली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

शिवजी सँ पुछे हिमालय के नारी , हिमालय के नारी बताद जोगिया
कहाँ राखब गौरा प्यारी , बतादा जोगिया

सबके तो देल भोला कोठा अँटारी सँ कोठा अँटारी
अपना ल नै छओ टुटलो केबारी बताद जोगिया
कहाँ राखब गौरा प्यारी , बतादा जोगिया

सबके तो देल भोला, खेत पथारी सँ खेत पथारी
अपना ल नै छओ एकोधुर बारी बतादा जोगिया
कहाँ राखब गौरा प्यारी , बतादा जोगिया

सबके तो देल भोला, घोडा और गाडी सँ घोडा और गाडी
अपना ल छओ भोला वहे बसहे सवारी बतादा जोगिया
कहाँ राखब गौरा प्यारी , बतादा जोगिया
शिवजी सँ पुछे हिमालय के नारी , हिमालय के नारी बताद जोगिया