जहर का प्याला / रामफल चहल
शंकर जी थमनै एक बै जहर का प्याला पी लिया तो शिव भोळा कुहाया
मैं हर रोज जहर का घूंट भर कै भी नर्या बोळा कुहाया
तन्नै तो मजबूरी मैं देवत्यां अर राक्षसां का झगड़ा निपटाणा पड़या
पर मैं तो चारूं ओड़ तै ऐकले ए राक्षसां तै घिर्या खड़या
काम का्रेध नै तो तूं भी पूरी तरहां नहीं रोक पाया था
उमा तैं शादी करी अर छोह मैं ताण्डव नृत्य दिखाया था
तन्ने बड़े छोहरे ताहीं राजपाट ना दिया ज्यां तैं मांस पाड़ पाड़ बगावै था
मैं छोहरे नै मोटरसाइकिल ना दे सकया ज्यां तैं रोज मन्नै धमकावै था
तेरा गणेश तो तेरी हा नां मैं साथे सूण्ड हिलाता रह्या
मेरा छोटला जबरदस्ती लब मैरिज करग्या मैं मजबूर पछताता रह्या
तेरी गोरां तो सदा तेरी भक्ति मैं एक टांग के ताण खड़ी पाई
पर मैं रोज आपणी के आगै एक टांग पै खड़या रहूं फेर बी ना करै समाई
कदे कहै नया सूंट ना ल्याया कदे कहै टूम ना घड़वाई
तू तो रोज सुल्फे अर गांजे की कर लिया करता खिंचाई
मैं जै कदे वाणै टेहलै दो घूंट ले ल्यूं तो करवादे सै नाक रगड़ाई
घणा सुखी तो तूं न्यूं था के तेरे घर म्हं कोए छोहरी ना थी
ना तो समधाणे के उल्हाणे अर दहेज के खर्च मैं घर की तली दीख जाती
नाम तो म्हारी बोहड़िया के भी रिधि-सिद्धि की तरहां रिंकी स्वीटी कुहावैं सैं
कदे इन्टरव्यू अर कदे कम्प्यूटर के बहानें रोज ब्यूटी पार्लर जावैं सैं
दहेज के कानून मैं जमानत ना होती रोज हामनै सुणा सुणा कै धमकावैं सैं
बेरोजगार छोहरे लाठी भींत बिचालै आगे कदे बीवी अर कदे मां नै समझावैंं सैं
मैं जै कदे बीच मैं बोल पड़ू तो आपणी लड़ाई नै छोड़ मन्नै आंख दिखावैं सैं
जै तेरी गेल्यां इतणे रास्से होते तै जहर न घिटी तै नीचै जाण देता
बजाए औरां के झगड़े मैं पड़न के तू खुदैअ आपणे प्राण त्याग देता
जी तो मेरा भी करै सै के किसै के रोळै म्ह बिचौला मैं बुलाया जाऊं
एक बै जहर का प्याला पी लूं अर रोज जहर की घूंट भरण तै बच जाऊं
शंकर जी थमनै जहर का प्याला एक बी पी लिया तो शिव भोळा कुहाया
मैं हर राजे जहर का घूंट भर कै भी नर्या बोळा कुहाया