पानी भरे गइली राम जमुना किनारवा
पिरीतिया ना लगावे ए वंशीवालावा।
मधुबन जाके श्याम भइले निरमोहिया
कुँआरे गरवा लागे ना रे वंशीवालावा।
जोहू हम जनिती स्याम होइहें निरमोहिया
पिरीतियो ना लगइतीं ए वंशीवालावा।
चढ़ि-चढ़ि अटरिया हम निरखीं डगरिया
सेजरियो नाहीं आवेए वंशीवालावा।