भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

घर-5 / पूर्ण शर्मा पूरण

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:40, 16 अक्टूबर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

काल
उण एक घर देख्यौ
ढूंढां मांय ढूंढा
अर ढूंढां माथै ई ढूंढा
जठै बारै बैठ्या अेक डोकरौ अर डोकरी
तावड़ी सेकै हा
नां....नां
स्यात कीं उडीकै हा।