भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मानता / मदन गोपाल लढ़ा
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:39, 17 अक्टूबर 2013 का अवतरण
म्हैं मांग्यो
सांवरै सूं
फगत अर फगत
थनै
थारै ओळावै
सांवरै
म्हनैं सूंप दी
आखी दुनियां
सांचाणी
अबै म्हनैं आ दुनियां
थारै दांई
चोखी लागै।