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तारामीरौ / रामस्वरूप किसान
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च्यार काळां पछै
बरस्यो बेरूतौ
काम आ सकै
किसौ बीज
उतरतै पौ‘-
किरसौ दोगाचीन्ती में पड़ग्यौ-
बीजां रा
न्योरा काढ़या
सगळा ई नटग्या
कणक, चिणां, जौ, सरसूं
पाछा हटग्या
इसै में
छाती ठोक
हांडी सूं
बारै आयौ तारामीरौ
अर देखतां-देखतां
किरसै सारू
माटी में रळग्यौ
अर तीजै ई म्हीनैं
रोटी में बदळग्यौ।