गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 17 अक्टूबर 2013, at 14:43
घर में रमती कवितावां 28 / रामस्वरूप किसान
Sharda suman
(
चर्चा
|
योगदान
)
द्वारा परिवर्तित 14:43, 17 अक्टूबर 2013 का अवतरण
(
अंतर
)
← पुराना अवतरण
| वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
रामस्वरूप किसान
»
आ बैठ बात करां
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
म्हैं, बां रै
घर में
बड़ तो गयौ
पण
निकळण खातर
हेलौ मारणौं पड़यो
घर में के
चूंध्या करै आदमी ?