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फेर रिसाणा व्हेग्या लोग / सत्येन जोशी
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फेर रिसाणा व्हेग्या लोग
किण संचै में ढळग्या लोग
निजरां तेज सूझणी अकलां
पण खाडै में पड़ग्या लोग
म्हां तौ एक आंख फेरी ही
बस इतरै में डरग्या लोग
घोड़ा मोलावण सूं पैला
आपस में कट मरग्या लोग
म्हां तो आन बान पर कटग्या
लाज सरम नै चरग्या लोग
विस रा दांत कदै का खिरग्या
फूंफाड़ै सूं डरग्या लोग