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थोड़ा-सा नीर पिला दै / हरियाणवी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

थोड़ा-सा नीर पिला दै, बाकी घाल मेरे लोटे मैं

अरे तूँ भले घराँ की दीखै, तन्ने जन्म लिया टोटे मैं

तू मेरी माथ होलेगै, दामन मढ़वा दिऊँ घोटै मैं !


भावार्थ

--'थोड़ा-सा पानी मुझे पिला दे, बाकी मेरे लोटे में डाल दे । अरी ओ, तू तो भले घर की लगती है, लेकिन

ऎसा लगता है जैसे तेरा जन्म बड़े ग़रीब घर में हुआ है । चल, मेरे साथ चल । मैं तेरे लहंगे को गोटे से मढ़वा

दूंगा ।