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याद / शिवराज भारतीय
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सगळा जाणैं
कै मिनख
पाणी वालो बुलबुलो
एक पग उठावै
दुजै री आस इज नीं
पण फैर बी
हाथ नै हाथ खावै
किण नै बी
‘नारायण इक मौत को
दूजे श्री भगवान’
चेतैं नीं आवै।