भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आस: एक / शिवराज भारतीय
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:33, 18 अक्टूबर 2013 का अवतरण
आस
जद करै निरास
तद
जीवण
भोगै त्रास।
आस
जद करै निरास
तद
जीवण
भोगै त्रास।