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पंडत जी / शिवराज भारतीय
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पंडत श्री छदामी लाल
लाल टमाटर वांरा गाल
मोटो ताजो वांरो पेट
खावै पीवै मारै लेट।
सवा सेर पेडां री थाळी
झारो कर राखै निरवाळी।
एक टेम जीमण जुठण री
बरसां सूं वै रीत निभावै
छाबौ रोटी धामो सब्जी
हांडी भर राबड़ गटकावै।
जिण दिन बरत री बारी आवै
अन्न नही वै दिनभर खावै
केळा पेड़ा बरफी अमरस
रसगुल्लां सूं काम चलावै।