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ई त बूढ़वा दुलहवा बड़ा मजेदार / महेन्द्र मिश्र

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ई त बूढ़वा दुलहवा बड़ा मजेदार।
अटपट बोले मगर बाटे होसियार।।
पूरी कचवरी अउर हलुआ खिलाइबों,
चीनी के नीमकी अउर आम के अँचार।
ई त बूढ़वा दुलहवा बड़ा मजेदार।
डिमिक-डिमिक ई त डमरू बजावेलन,
सोहली गंगाजी उनका जटवा के हार।
ई त बूढ़वा दुलहवा बड़ा मजेदार।
ओढ़े के देइब हम सालवा दोसालावा,
खाए के देहब इनके सोनवाँ के थार।
ई त बूढ़वा दुलहवा बड़ा मजेदार।
निरखे महेन्द्र दुल्हा दुलहीन के सँगवा हो,
छूट गइलें हमरो अब जम के दुआर,
ई त बूढ़वा दुलहवा बड़ा मजेदार।