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घुन / शशि सहगल

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आवाज़ करती
टूटने वाली चीज़ों ने
कभी दुखी नहीं किया मुझे
घबराती हूँ
बिना आवाज़ की टूटन से
जो घुन सी खा जाती है
आदमी को।